भारत देश की राजधानी नई दिल्ली में आए दिन अवैध कब्जे को लेकर बुलडोजर चलता रहता है। उसके बाद भी देखा जाए तो प्रशासन की नाक के नीचे लाल किला के सामने पेड़ के नीचे मंदिर बना कर अवैध कब्जे की तैयारी शुरू कर दी गई है नाराज लोगों ने ट्विटर शिकायत भी कर डाली।
टीपू सुल्तान पार्टी के उत्तर प्रदेश मीडिया हेड साहिल रजवी ने इस बात को ट्विटर पर शेयर कर दिया और आपत्ति भी जताई ओर कहा कि
"ये अचानक लाल क़िले के सामने मंदिर कहाँ से आ गया? जबकि के नियमानुसार ऐतिहासिक इमारतों के 200 मीटर के दायरे में कोई धार्मिक स्थल नहीं बनाया जा सकता।कल को इसी पेड़ को खोदकर नीचे मूर्तियां रख देंगे। लो मिल गया एक और मंदिर!"
जहां अवैध कब्जे के नाम पर लोगों पर मेहनत का घर गिरा दिया जाता है वहीं पर मंदिर के नाम पर अवैध कब्जे करने की छूट दी जा रही है। शिकायत करने वालों ने शिकायत तो कर दिया है लेकिन अब क्या क्या कार्रवाई की जाती है, यह कुछ दिन बाद ही पता चलेगा। प्रशासन ने अभी तक कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है।
अवैध निर्माण 1 दिन में नहीं होती है और ऐसा भी नहीं है कि किसी को यह दिखा भी नहीं होगा। उसके बाद भी लोग आंख मूंद के इसको बनवाते रहे कि बाद में माहौल बिगाड़ा जा सके।
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